ज्योतिष एक प्राचीन विद्या है जिसमें खगोलीय पिंडों (ग्रह, तारे) की स्थिति और गति का अध्ययन करके सांसारिक और मानवीय घटनाओं का पूर्वानुमान लगाया जाता है। इसमें जन्म के समय ग्रहों की स्थिति के आधार पर जन्म कुंडली बनाई जाती है, जो व्यक्ति के व्यक्तित्व, भविष्य की संभावनाओं और चुनौतियों के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करती है। ज्योतिष में फलित ज्योतिष शामिल है, जो ग्रहों के शुभ और अशुभ प्रभावों का अध्ययन करता है।
ज्योतिष के मुख्य सिद्धांत
· खगोलीय पिंडों का अध्ययन: ज्योतिष में सूर्य, चंद्रमा और ग्रहों जैसी खगोलीय पिंडों की स्थिति और गति का अध्ययन किया जाता है।
· मानवीय घटनाओं से संबंध: यह ग्रहों और तारों की गतिविधियों को मनुष्य के जीवन और आसपास की घटनाओं से जोड़ता है।
· जन्म कुंडली: जन्म के समय ग्रहों की स्थिति के आधार पर एक चार्ट बनाया जाता है, जिसे जन्म कुंडली कहते हैं। यह व्यक्ति के स्वभाव और भविष्य के बारे में जानकारी देता है।
· फलित ज्योतिष: यह ग्रहों के शुभ और अशुभ प्रभावों का अध्ययन करता है, जिसका उपयोग भविष्यवाणियों के लिए किया जाता है।
ज्योतिष के प्रकार
· सिद्धांत ज्योतिष: खगोलीय पिंडों की भौतिक रचना और उनकी गतिशास्त्र का अध्ययन करता है।
· फलित ज्योतिष: खगोलीय पिंडों के प्रभावों के आधार पर मानवीय घटनाओं का पूर्वानुमान लगाता है।
ज्योतिष का महत्व
· यह न केवल भविष्यवाणी का माध्यम है, बल्कि व्यक्ति के जीवन, कर्म और मनोवृत्ति को समझने का एक तरीका भी है।
· आज भी कई पंचांगों का निर्माण भारतीय ज्योतिष पद्धति के आधार पर किया जाता है, जिनका उपयोग धार्मिक कार्य और पर्व मनाने के लिए होता है।
पाठ्यक्रम में शामिल सामान्य विषय
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